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फ़रवरी, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

The Quirky Wallflower and the Silent Bumble Bee by Nazam Riar

किताब: द क्वरकी वॉल फ्लावर एंड साइलेंट बंबलबी लेखिका:  नज़म रिआर  नज़म रिआर जी की किताब "द क्वरकी वॉल फ्लावर एंड साइलेंट बंबल बी"   मुझे  नज़म रिआर जी से तोहफे में मिली है। किताब मेरे बहुत ही अज़ीज दोस्तों वनिता खन्ना व उनके पति जे बी सिंह अटवाल मेरे लिये दोस्ती का फर्ज समझ कर लेखिका से पर्सनल मैसेज लिखवा कर लाये। शायद वे दोनो जानते थे कि मेरे लिये एक औरत और एक इन्सान होने के रूप मे यह एक बेहद अच्छा तोहफा सिद्ध होगा। यह किताब किस बारे में बात करती  है ?  दर्द भरे दिलों की खुद को गमों से उबारने की औरत के सशक्तिकरण की जिन्दगी में प्यार की अहमियत की बाहरी दुनिया में खुशियां ढूंढने की ब्जाय खुद के भीतर खुशियां तलाशने की किताब के कुछ ही पन्ने पढ़ पायी हुं मगर खुश हुं कि मेरे लिये किसी ने ऐसा बेहतरीन तोहफा लिया । 🙏 यह मेरे लिये या औरतों के लिये ही नही, किसी भी व्यक्ति के लिये खास तोहफा हो सकता है जो जिन्दगी में कई सवालों से घिरा है। किताब का पूरा रिवयू जल्द ही सांझा करूंगी। वनिता खन्ना व जे बी सिंह अटवाल ने लेखिका के साथ कुछ पल सांझा किये जिन्हे उन्होने अपने कैमरे में कैद कर लिया

क्या जहाज की टिकट में देश बदलने के साथ मानसिकता बदलने की भी कोई अतिरिक्त सेवा दी जाती है?

 देश बदलते ही सोच भी बदल जाती है। एक दिन युं ही गली में खड़े किसी से बात होने लगी कि अब बेटा बेटी बराबर होते है।  आगे से जवाब आया, पर बेटी मां बाप को तो नही रख सकती, मां बाप को तो बेटों ने ही रखना है।  बेटी के घर रहकर बदनामी मोल नही लेनी हमें...  तो मेरे मन में विचार आया बेटी अगर विदेश में कहीं रह रही हो और डिलीवरी के वक्त मां की जरूरत हो। तो मां उसके यहां महीनो पहले पहुंच जाती है। और साल- दो साल बाद ही लौटती है।  उसके कई सारे कारण होते हैं 1. कि पराये देश में अकेली औरत पति के जाने के बाद छोटे बच्चे को कैसे पालेगी? 2. यदि औरत और मर्द दोनो काम पर जाते हैं तो दुधमुहे बच्चे को घर पर अकेला कैसे छोड़कर जाये? 3. जहाज की टिकट इतनी महंगी है कि कई लोगों की महीनो की तनख्वाह लग जाती है एक ओर की टिकट लेने के लिये। इसलिये जल्दी नही आ सकते।  कारण जो भी   हो बेटी के घर में विदेश जाकर इन कारणों के साथ रहना सही है।  और अपने देश में यदि ये कारण ना हो  तो क्या हम बेटी के साथ कुछ महीने या कुछ  वर्ष  रहेंगे? नही... मुझे नही लगता... अपने देश में हम समाज से डरते हैं... वो समाज जो खुद हमसे डरता है... कि यदि हम

आवाम इकट्ठे ही अच्छी...

आवाम इकट्ठे ही अच्छी... आवाम इकट्ठी ही अच्छी, या जयकारों में या ललकारो में | गर ऐसा ना हो, तो समझ लेना... या तानाशाह बैठे सरकारों में, या आवाम है बंद दीवारों में || आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं View this post on Instagram A post shared by Ruchika Sachdeva (@ruchikasachdeva_)

Why you should read the book Her Last Wish By Ajay K Pandey किताबः हर लास्ट विश || लेखकः अजय के पांडे ||

Her Last Wish By Ajay K Pandey किताबः हर लास्ट विश  लेखकः अजय के पांडे  अजय के पांडे की नई किताब ’हर लास्ट विश’ उनकी पिछली किताब यू आर माय बेस्ट वाइफ की तरह है। हालांकि यू आर माय बेस्ट वाइफ लेखक की सच्ची कहानी है जिसमें प्यार, मोहब्बत और दर्द भरा हुआ था । किताब को पढ़ने के कई दिनों बाद तक भी मैं अजय और भावना को एक भी पल भूल नही पायी। मानो में उन्हे व्यक्तिगत तौर पर जानती हुं। आज भी यही सोचती हूं कि काश भावना जिंदा होती । मगर शायद भावना सच में जिंदा ही है, तभी तो हर बार जब किताब, सच्चे प्यार और अमर होने के बारे में सोचते हुं तो वह खुद ही ख्यालों में आ जाती है । हर लास्ट विश में अजय के पांडे ने मध्यवर्गीय विजय और आस्था की कहानी बताई है । विजय एक ऐसा व्यक्ति जो रहन सहन में ही मध्यम वर्ग से संबंधित नही था बल्कि विश्वास, पर्सनैलिटी और पढ़ाई के मामले में भी मध्यम वर्ग से ही संबंधित है। वहीं दूसरी ओर आस्था उसकी पत्नी कॉन्फिडेंस से लबरेज, खुबसूरत, खुशमिजाज़, जिन्दादिल और इंटेलिजेंट हैं।  “अगर किसी बच्चे में आत्म-सम्मान की कमी है, तो यह इसलिए है क्योंकि उसके माता पिता उसे प्रोत्साहन देने से ज्यादा

अजय के पांडे की नई किताब हर लास्ट विश || Her Last Wish: Ajay K Pandey 

हर लास्ट विश:  अजय के पांडे किताब: हर लास्ट विश Her Last Wish लेखक: अजय के पांडे #Ajay K Pandey 💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖 अजय के पांडे की नई किताब *हर लास्ट विश*  शुरू की है | यह  किताब भी उनकी पिछली किताब यू आर माय बेस्ट वाइफ की तरह है | हालांकि यू आर माय बेस्ट वाइफ लेखक की सच्ची कहानी है जिसमें प्यार, मोहब्बत और दर्द भरा हुआ था | किताब को पढ़ने के कई दिनों बाद तक भी मैं उसे भूल नहीं पाई |  💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖 आज भी यही सोचती हूं कि काश भावना जिंदा होती | मगर शायद भावना सच में जिंदा ही है, तभी तो हर बार जब किताब के बारे में सोचती हूं तो वह खुद ही ख्यालों में आ जाती है |  💖💖💖💖💖💖💖💖💖💖 हर लास्ट विश में अजय के पांडे ने मध्यवर्गीय विजय और आस्था की कहानी बताई है | विजय एक ऐसा व्यक्ति जिसकी डिक्शनरी में आत्मविश्वास नाम का शब्द नहीं है , वहीं दूसरी ओर आस्था उसकी पत्नी कॉन्फिडेंस से लबरेज है|  किताब के शुरुआती अंको में अरेंज मैरिज के वह किस्से सुनाए हैं, जब एक भारतीय परिवार बेटे की शादी के लिए मेट्रोमोनियल साइट पर तरह-तरह की तारीफों के कसीदे लिखता हैं और हर बात को बढ़ा चढ़ा कर बताता हैं|

बी माय परफेक्ट ऐंडिंग: अर्पित वगेरिया Be My Perfect Ending by Arpit Vageria

किताब: बी माय परफेक्ट ऐंडिंग   लेखक: अर्पित वगेरिया किताब: बी माय परफेक्ट ऐंडिंग   लेखक: अर्पित वगेरिया कहानी पूरी फिल्मी है मेरे दोस्त।  बी माय परफेक्ट ऐंडिंग किताब अर्पित वगेरिया द्वारा लिखी गई है  अर्पित टीवी के एक जाने-माने लेखक है। किताब में उनके लिखने का तरीका और कहानी में आने वाले मोड़ किसी नाटक की कहानी से कम नहीं। कहानी में प्यार ह,ै रोमांच है, धोखा है, दोस्ती है, टूटे हुए दिल की बातें हैं और थोड़ा भूतिया सीन भी है। कहानी अरमान और सारा की है। दोनो टीवी की दुनिया से संबंध रखते हैं। सारा एक अनाथ है, जो रिश्तो में बंधने से डरती है। प्यार पाने को बेताब है पर एक बार टूट चूके दिल और प्यार में मिले धोखे से डरती है। दिल जोड़ना चाहती है पर अब किसी रिश्ते में सीरियस नहीं होना चाहती। मगर कहते हैं प्यार आपका कब किस मोड़ पर इंतज़ार कर रहा होगा आप नही जानते। कब आपकी रूह किसी और की हो जायेगी। आप जान भी नही पायेंगे। सारा को भी जब यह अहसास हुआ कि उसे अरमान से प्यार हो गया है तब तक बहुत देर हो चुकी थी। यदि आप बहुत फिल्मी है, रोमांटिक नावल पढ़ना चाहते हैं सस्पेंस पढ़ना चाहते हैं यह कहानी जरूर पढ़नी चाहि

तेरे हर पत्थर को संजो कर रखेंगे हम, अब ऐ हुकूमत तुमको दिखाएंगे…Baba Jaggi Singh Pandher

तेरे हर पत्थर को संजो कर रखेंगे हम, अब ऐ हुकूमत तुमको दिखाएंगे… कैसे हम इन पत्थर से हौंसले की चट्टान और, लहू के हर कतरे से स्याही बनाएंगे... लिखेंगे विजय गाथा इसी से, देश के इतिहास से गवाही दिलवाएंगे... लाल किले के बगल में इन्हीं पत्थरों से हम, विजयी किसान आंदोलन का स्मारक बनाएंगे... सजदा करेंगी सर झुकएंगी पूशॅते भी तेरी, जब तेरी भाषा में बागी कहे जाने वाले... इन्हीं देशभक्तों का इतिहास, दुनिया वाले गा-गा कर सुनाएंगे © Penned by : ruchikasachdeva Insta ID: https://www.instagram.com/ruchikasachdeva Facebook ID: https://www.facebook.com/SachdevaRuchika View this post on Instagram A post shared by Ruchika Sachdeva (@ruchikasachdeva_)

सुनो भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव, तुम्हें दोबारा आना होगा...

सुनो भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव, तुम्हें दोबारा आना होगा... सुनो भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव,तुम्हें दोबारा आना होगा... बागी, बगावत और नागरिक अधिकारों का, फर्क इन्हें बताना होगा... बताना होगा अधिकार मांगना, गलत नहीं सही बात है... इनके मन में भी, देशप्रेम का भरा जज़्बात है... बताना इन्हें इतना जु़ल्म करना ठीक नहीं, शांत प्रदर्शनकारी आवाम मांग रही हक, भीख नहीं... बताना इन्हें, इस बार किसानों की सेना आई है... जिनकी हरित क्रांति के बल पर तूमने, विश्व में अपनी जगह बनाई है... समझाना कि अब अंग्रेजी शासन नहीं, तब थे सिर्फ कुछ ही योद्धा... अब है लाखों भगत सिंह, डर कर पीछे हटने वाला एक नहीं Insta ID :-  https://www.instagram.com/ruchikasachdeva_ LIKE COMMENT SAVE SHARE Editing: Self Give credits if you repost View this post on Instagram A post shared by Ruchika Sachdeva (@ruchikasachdeva_)