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Why you should read the book Her Last Wish By Ajay K Pandey किताबः हर लास्ट विश || लेखकः अजय के पांडे ||

Her Last Wish By Ajay K Pandey

किताबः हर लास्ट विश 
लेखकः अजय के पांडे 

अजय के पांडे की नई किताब ’हर लास्ट विश’ उनकी पिछली किताब यू आर माय बेस्ट वाइफ की तरह है। हालांकि यू आर माय बेस्ट वाइफ लेखक की सच्ची कहानी है जिसमें प्यार, मोहब्बत और दर्द भरा हुआ था । किताब को पढ़ने के कई दिनों बाद तक भी मैं अजय और भावना को एक भी पल भूल नही पायी। मानो में उन्हे व्यक्तिगत तौर पर जानती हुं। आज भी यही सोचती हूं कि काश भावना जिंदा होती । मगर शायद भावना सच में जिंदा ही है, तभी तो हर बार जब किताब, सच्चे प्यार और अमर होने के बारे में सोचते हुं तो वह खुद ही ख्यालों में आ जाती है ।

हर लास्ट विश में अजय के पांडे ने मध्यवर्गीय विजय और आस्था की कहानी बताई है । विजय एक ऐसा व्यक्ति जो रहन सहन में ही मध्यम वर्ग से संबंधित नही था बल्कि विश्वास, पर्सनैलिटी और पढ़ाई के मामले में भी मध्यम वर्ग से ही संबंधित है। वहीं दूसरी ओर आस्था उसकी पत्नी कॉन्फिडेंस से लबरेज, खुबसूरत, खुशमिजाज़, जिन्दादिल और इंटेलिजेंट हैं। 

“अगर किसी बच्चे में आत्म-सम्मान की कमी है, तो यह इसलिए है क्योंकि उसके माता पिता उसे प्रोत्साहन देने से ज्यादा सलाहें देते हैं। और यदि किसी बच्चे में आत्मविश्वास की कमी है, तो इसका मतलब है कि आपने उसे कभी भी निर्णय लेने की अनुमति नहीं दी है।”
“If a child has poor self-esteem, it is because you advise them more than you encourage them. If a child lacks confidence, it means you have never allowed him to take any decisions.”
किताब के शुरुआती अंको में अरेंज मैरिज के वह किस्से सुनाए हैं, जब एक भारतीय परिवार बेटे की शादी के लिए मेट्रोमोनियल साइट पर तरह-तरह की तारीफों के कसीदे लिखता हैं और हर बात को बढ़ा चढ़ा कर बताता हैं। चाहे वह बेटे का पेशा हो, उसकी इनकम हो या फिर उसकी अच्छाइयां। कहानी बताती है कि किस तरह से हर मां-बाप को लगता है कि, उनके लाडले लड़के से बेहतर इस दुनिया में कोई नही। और अगर कहानी के दूसरे पात्र आस्था की बात की जाए तो वह एक ऐसी लड़की है,  जिसको अपने जीवन में कभी कुछ ज्यादा प्यार नहीं मिला, जब आस्था को विजय में अपना सच्चा प्यार मिला तो, साथ ही एक बहुत बड़ा दर्द भी मिला.... जो  है
एच. आई.वी.  (HIV) 
जी हां...

कहानी के शुरुआती अंको में बताया है कि कैसे आस्था एच.आई.वी. से ग्रसित हो जाती है यह बीमारी उसको कैसे मिली और कहां से मिली ।  यह एक सस्पेंस है ।
शादी के मात्र 7 महीने बाद  विजय को पता चलता है कि उनकी जिंदगी में बहुत बड़ा तूफान आ गया । हालांकि आस्था इस बात से बेखबर रहती है । विजय को एक लेबोटरी से आये फोन कॉल से पता चलता है कि उसकी बीवी को एच. आई.वी.  (HIV) है । तूफान अभी थमा नहीं था विजय को ये भी पता चलता है कि उसकी बीवी गर्भवती है । विजय जानता है कि एक एच. आई.वी.  (HIV)  ग्रसित महिला के लिए गर्भवती होना जान दांव पर लगाने जैसा है । विजय को बच्चे से ज्यादा इस बात की फिक्र है कि आस्था बचेगी या नहीं । वही विजय बिल्कुल नहीं जानना चाहता, कि उसकी पत्नी के पेट में पल रहा बच्चा किसका है उसे अपनी पत्नी पर पूरा विश्वास है और अपने पिता से कहता है ।
कि मुझे सिर्फ इस बात से फर्क पड़ता है कि यह बच्चा मेरी पत्नी की कोख में है। 
एक ओर विजय अपनी पत्नी के मेडिकल खर्चों को लेकर जहां भागदौड़ में लगा है, वहीं दूसरी और वह हर मुमकिन कोशिश करता है कि वो अपनी बीवी की डायरी में लिखी हुई उसकी सात विश यानि इच्छाओं को पूरा कर सकें ।यह सात इच्छाऐं क्या है? अजय उसे कैसे पूरा करता है? इसके लिए आपको किताब जरूर पढ़नी चाहिए ।

हमेशा अपने आप को खुश दिखाने की कोशिश करें,
क्योंकि शुरू में, यह आपका लुक बन जाता है,
धीरे-धीरे यह आपकी आदत बन जाती है,
और एक दिन, यह आपका व्यक्तित्व बन जाता है।  

“Always try to represent yourself as ‘happy’,
because initially, it becomes your ‘look’,
gradually it becomes your ‘habit’,
and one day, it becomes your ‘personality’.”

लेखक ने किताब को एक नए तरीके से लिखा है। किताब का हर पात्र जैसे कि अजय के पिता, अजय की मां, आस्था की सहेली , सभी की ओर से एक नोट लिखा हुआ है । जिसमें कहानी में उनका नजरिया और उनका रोल क्या है यह पता चलता है

किताब क्यों और कौन पढ़े?

अगर आप रोमांटिक किताबें पढ़ना चाहते हैं,
अगर आप रिश्तो की परिभाषा जानना चाहते हैं,
अगर आप दोस्ती के मायने समझना चाहते हैं,
और अगर आप अच्छी परवरिश और अच्छी पेरेंटिंग के बारे में जानना चाहते हैं.....
तो यह किताब आपको जरूर पढ़नी चाहिए।

किताबों की दुनिया से
रुचिका सचदेवा

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