तेरे हर पत्थर को संजो कर रखेंगे हम,
अब ऐ हुकूमत तुमको दिखाएंगे…
कैसे हम इन पत्थर से हौंसले की चट्टान और,
लहू के हर कतरे से स्याही बनाएंगे...लिखेंगे विजय गाथा इसी से,
देश के इतिहास से गवाही दिलवाएंगे...
लाल किले के बगल में इन्हीं पत्थरों से हम,
विजयी किसान आंदोलन का स्मारक बनाएंगे...
सजदा करेंगी सर झुकएंगी पूशॅते भी तेरी,
जब तेरी भाषा में बागी कहे जाने वाले...
इन्हीं देशभक्तों का इतिहास,
दुनिया वाले गा-गा कर सुनाएंगे
© Penned by : ruchikasachdeva
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